श्री गुरुदेव भजन - आपके चरणों की धूलि

आपके चरणों की धूलि
हम माथे पर लगायेंगे ।
चल पड़े हैं अब आपकी ओर
हम पहुंच ही जायेंगे ।।१।।

गुरुदेव आपका मिलना हमें
कर चुका हमारा उद्धार ।
एक आप ही सहारा हैं प्रभुजी
सुन लीजिए हमारी पुकार ।। आपके चरणों की .. ।।२।।

भाव नहीं, न प्रेम ही है
न ही हम भक्ति से भरे ।
ज्ञान विज्ञान किसे कहतें हैं
हम तो अज्ञानी ठहरे ।। आपके चरणों की .. ।।३।।

योग याग और साधना
हम कुछ भी न कर पाते ।
पेट भरने की चिंता में ही
दिन रात बस लगे रहते ।। आपके चरणों की .. ।।४।।

देखिए हमें भी एक बार
हम हैं न किसी भी काम के ।
इस दुनीयाँ ने ठोकर ही मारी
और न हो ही सके हम राम के ।। आपके चरणों की .. ।।५।।

किसी तरह सारे फंदों से
दूर हमको कीजिये ।
अपनी परम कृपा करके
अब मुक्त हमको कीजिये ।। आपके चरणों की .. ।।६।।

जंजाल है ये संसार हमारा
हम फंस कर न रहें ।
हाथ पकड़ लें आप हमारा
हम और दुख अब न सहें ।। आपके चरणों की .. ।।७।।

योग या फिर भोग जो भी
साथ आप हमारे रहें ।
शीघ्र ही हम गति पाएं
आप बस करुणा करें ।। आपके चरणों की .. ।।८।।

मैं बहुत कमजोर हूँ प्रभु
अब और लड़ नहीं पता हूँ मैं ।
अपने सारे दुर्गुणों से
नित्य ही मुँह की खाता हूँ मैं ।। आपके चरणों की .. ।।९।।

एकबार आप आइये नाथ
त्राण मुझको दीजिये ।
हे करुणानिधान हमारे
अब मुझको ज्ञान दीजिये ।। आपके चरणों की .. ।।१०।।

आपके ही आसरे हूँ
मैं अधम नालायक बड़ा ।
आप सा न कोई है
इस जहाँ में तारक बड़ा ।। आपके चरणों की .. ।।११।।

तार दीजिये हमें भी अब
विवेक किसी लायक नहीं ।
खुद से कुछ न कर पाएंगे हम
है झोली में कुछ भी नहीं ।। आपके चरणों की .. ।।१२।।


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